भारतीय सेना किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार : जेटली

Webdunia
शुक्रवार, 28 जुलाई 2017 (14:37 IST)
नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में रक्षा अधिकारियों और गोला- बारूद की उपलब्धता पर उठाए गए सवालों के मद्देनजर रक्षामंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं किसी भी आपात स्थिति से निपटने के पूरी तरह लैस हैं।
 
कैग में कुछ रक्षा अधिकारियों के संबंध में की गई नकारात्मक टिप्पणियों के मद्देनजर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने के संबंध में जेटली ने कहा कि संसदीय प्रक्रिया के अनुसार कैग की रिपोर्ट संसद के पटल पर रखे जाने के बाद लोक लेखा समिति (पीएसी) को भेजी जाती है और पीएसी उसके बाद अपनी टिप्पणियों के साथ अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजती है। इसके बाद सरकार कार्रवाई करती है। यदि पीएसी की सिफारिशों के अनुसार कार्रवाई की जरूरत महसूस की गई तो सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी। 
 
उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि कैग ने वर्ष 2012-13 से लेकर 2016 की समयावधि को लेकर अपनी टिप्पणियां की हैं, जो रक्षा सेनाओं में गोला-बारूद की उपलब्धता को लेकर हैं। 
 
उन्होंने कहा कि गोला-बारूद की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए खरीद प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया गया है और सैन्य प्रमुख को भी इस बारे में कुछ अधिकार दिए गए हैं लेकिन उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं किसी भी आपात स्थिति से निपटने के पूरी तरह लैस हैं।
 
उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी संबंधी नीति को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत एक पारदर्शी, वस्तुनिष्ठ तथा कार्यात्मक तंत्र को लागू करने का लक्ष्य है।
 
रक्षामंत्री ने कहा कि बड़े रक्षा प्लेटफॉर्मों और विमान, पनडुब्बियों, हेलीकॉप्टरों तथा कवच वाहनों के विनिर्माण में सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों के अलावा निजी क्षेत्र की व्यापक भागीदारी को भी प्रोत्साहन देने पर सरकार काम कर रही है।
 
उन्होंने कहा कि यह भी एक सचाई है कि भारत की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए हमें विदेशों से भी रक्षा उपकरण मंगाने पड़ते हैं लेकिन अब देश के भीतर रक्षा उत्पादन इकाइयों में स्वदेशी योगदान 50 से 85 और 90 फीसदी तक बढ़ रहा है और आगे भी हर प्लेटफॉर्म पर एक निजी कंपनी को उत्पादन प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है।
 
देश की रक्षा सेनाओं की गोला-बारूद की जरूरत, उत्पादन और कमी के संबंध में एक सदस्य द्वारा किए गए सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि व्यापक हित में इस प्रकार की सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता। (भाषा)
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