वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने विचार विमर्श के बाद जीएसटी व्यवस्था में चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत तय की हैं। लक्जरी कारों, बोतल बंद वातित पेयों, तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकर वस्तुओं एवं कोयला जैसी पर्यावरण से जुड़ी सामग्री पर इसके उपर अतिरिक्त उपकर भी लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि 28 प्रतिशत से अधिक लगने वाला उपकर (सेस) मुआवजा कोष में जाएगा। जिन राज्यों को नुकसान हो रहा है, उन्हें इसमें से राशि दी जाएगी। ऐसा भी सुझाव आया कि इसे कर के रूप में लगाया जाए। लेकिन कर के रूप में लगाने से उपभोक्ताओं पर प्रभाव पड़ता। लेकिन उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर नहीं लगाया जाएगा।