वित्तमंत्री ने कहा- नहीं घबराएं ईमानदार करदाता

बुधवार, 9 नवंबर 2016 (19:50 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट खाते में जमा कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं है, लेकिन यदि इस धन में यदि कर चोरी की गई होगी तो संबंधितों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। जेटली ने कहा कि खाताधारकों को ध्यान में रखना चाहिए कि खाते में धन जमा कराने का मतलब यह नहीं है कि इसमें उन्हें कर से पूरी तरह राहत है। जरूरी होने पर धन का स्रोत बताने में खाताधारक यदि नाकाम रहता है और यह काला धन हुआ तो उसे कानून का सामना करना होगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि धन बैंक में जमा करा देने भर से कर से छुटकारा नहीं मिलने वाला है। धन यदि पहले बैंक से निकाला गया है अथवा कानूनी तरीके से जुटाया गया है और इसकी घोषणा की गई है तो डरने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन धन गैर कानूनी है तो दिक्कतें होंगी। उन्होंने कहा कि गृहिणियों और किसानों को अपनी वाजिब आय को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है, वे बैंक में अपना धन जमा करें। घर के खर्च के लिए 25, 30 अथवा 50 हजार रुपए रखे हुए हैं, तो इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसे बैंक में जमा कराया जा सकता है।
 
नोटों को बदलने के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि पहले या दूसरे सप्ताह में नोट बदलने में परेशानी हो सकती है और कम नोट बदले जा सकेंगे, लेकिन ज्यों-ज्यों नए नोट प्रचलन में बढ़ते जाएंगे, दिक्कतें समाप्त होती जाएंगी। सरकार के इस फैसले से लेन-देन को अधिक से अधिक डिजिटल करने में मदद मिलने का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि अब लोगों को आय बतानी होगी और कर का भुगतान करना पड़ेगा। जेटली ने नोटों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले को साहसिक और निर्णायक बताते हुए कहा कि इसका देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा और यह फैसला अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव वाला साबित होगा। (वार्ता) 

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