One Nation One Election : वन नेशन, वन इलेक्शन पर मोदी सरकार पहले ही कर चुकी है फैसला, ओवैसी बोले- अब सिर्फ औपचारिकता

रविवार, 3 सितम्बर 2023 (21:28 IST)
One Nation One Election :   एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा देश में बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए त्रासदी होगी और ऐसा लगता है कि इस पर विचार करने के लिए समिति का गठन बस औपचारिकता है।
 
केंद्र सरकार ने एकसाथ चुनाव कराने की संभावनाएं खंगालने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनायी है।
 
ओवैसी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यह उस समिति की नियुक्ति की अधिसूचना है जो एक राष्ट्र, एक चुनाव पर गौर करेगी। यह स्पष्ट है कि यह बस औपचारिकता है और सरकार पहले ही इस दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय ले चुकी है। एक राष्ट्र, एक चुनाव बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए त्रासदी होगी।
ALSO READ: उदयनिधि स्टालिन के 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाले बयान पर सियासी उबाल, BJP ने INDIA गठबंधन से पूछा सवाल
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगामी विधानसभा चुनावों के कारण एलपीजी के दाम घटाने पड़े और वह एक ऐसा परिदृश्य चाहते हैं जहां यदि वह चुनाव जीत जाएं तो वह बिना किसी जवाबदेही के अगले पांच साल ‘जनविरोधी’ नीतियां के साथ निकाल दें।
 
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति को एक सरकारी समिति का प्रमुख नियुक्त कर राष्ट्रपति के उच्च पद की गरिमा घटा दी है। राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता को इसमें क्यों शामिल किया गया है?
 
उनके अनुसार समिति के अन्य सदस्यों की स्पष्ट तौर पर सरकार समर्थक दृष्टिकोण है जो सार्वजनिक रूप से उनके द्वारा दिये गये बयानों से स्पष्ट है। ओवैसी ने कहा कि ऐसे किसी प्रस्ताव को लागू करने के लिए भारत के संविधान के कम से कम पांच अनुच्छेदों और कई वैधानिक कानूनों को संशोधित करना पड़ेगा।
ALSO READ: G20 Summit : चीन और पाकिस्तान को PM मोदी की खरी खरी, कहा- अरुणाचल हो या कश्मीर... कहीं भी कर सकते हैं G20 मीटिंग, पढ़िए स्पेशल इंटरव्यू
उन्होंने दावा किया कि प्रस्ताव अपने आप में ही संविधान की मूल भावना और संघवाद के मूल स्वभाव के विपरीत है। उन्होंने कहा कि समिति का कार्यक्षेत्र “मतदाताओं की इच्छा के विरुद्ध है तथा यह जनता की आवाज को पराजित करेगा एवं यह कृत्रिम कवायद है।”
 
क्या बोले दूसरे दलों के नेता
 
क्या बोले दीपेन्द्र हुड्डा : बिल का मसौदा आने पर ही हम कुछ कह सकेंगे। मुख्यमंत्री (मनोहर लाल) खट्टर साहब का बयान है कि इससे लोगों का हित है और इससे हजारों करोड़ की बचत होगी। मैं (मनोहर लाल) खट्टर साहब से आग्रह करुंगा की वे अपने बयान पर कायम रहें। कम-से-कम हरियाणा के चुनाव लोकसभा के साथ कराएं क्योंकि यह फैसला हरियाणा की जनता के हक में होगा।
 
अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश : कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि भारत सरकार अडानी के मुद्दे को भटकाना चाहती है...इसलिए वे ये सब चीजें कर रहे हैं। ये चीजें करते समय वे संसदीय रीति-रिवाजों और परंपराओं को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं।
 
अभी समय लगेगा : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कई संवैधानिक संशोधन चाहिए होंगे जिसे संसद द्वारा 2/3 बहुमत और 50% विधासभाएं पारित करेंगी और उसके बाद चुनाव आयोग को भी इस पर समय चाहिए होगा। मैं मानता हूं कि यह अच्छा प्रयास है और हम इस प्रयास के साथ हैं।
 
मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश : राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा परिवर्तन यात्रा में भीड़ ही नहीं है। लोगों का विश्वास भाजपा पर नहीं है। भाजपा सिर्फ कांग्रेस पर आरोप लगाकर वोट लेना चाहती है। यह संभव नहीं है। भाजपा सिर्फ बात कर रही है लेकिन कांग्रेस काम कर रही है इसलिए भाजपा 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की बात कर रही है। मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए। एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी