उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले दिनों पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने से पूरे देश में यह जानने को लेकर उत्सुकता पैदा हो गई है कि क्या राजधानी दिल्ली और उससे लगे नोएडा, गुडगांव, गाजियाबाद और फरीदाबाद में इस बार दीपावली बिन पटाखों के होगी और ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी नहीं होगा।
आमतौर पर दीपावली के 1 सप्ताह पहले ही हर मोहल्ले में पटाखों की दुकानें लग जाती थीं और लोग पटाखों की खरीदी-बिक्री शुरू हो जाती थी। युवा वर्गों और बच्चों में पटाखों को लेकर उत्साह दिखाई देता था लेकिन इस बार पटाखों की बिक्री पर रोक लगने के कारण यह उत्साह ठंडा पड़ गया है और कई लोग निराश भी हो गए हैं। लेकिन साथ ही साथ अधिकतर लोगों का कहना है कि पटाखों की बिक्री पर रोक से अगर प्रदूषणरहित मनती है तो यह खुशी की बात होगी, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा।