कई साल के कड़े संघर्षों के दौरान पीड़ित परिवार के ऊपर आसाराम और उसके गुर्गों ने समझौता करने का दबाव बनाया। इस मामले के कई गवाहों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। आसाराम प्रकरण में साढ़े चार साल बाद बुधवार को आने बाले निर्णय को लेकर पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है। इस साढ़े चार साल के लम्बे अंतराल के दौरान पीड़ित परिवार को कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा हैं। इस दौरान आसाराम के गुर्गों ने कई बार पीड़िता को दबाब में लेने के लिए उसे बदनाम करने की साजिश रची। इस मामले के गवाह रहे कृपाल की हत्या कर दी गई।
नाबालिग बेटी के पिता ने आसाराम के आगे घुटने नहीं टेके। बेटी को न्याय दिलाने के लिए जी जान से लगा रहा और उसी का नतीजा है की पीड़ित परिवार को कल मामले में आसाराम को सख्त सजा मिलने की उम्मीद है। इस मामले को लेकर प्रशासन सतर्क दिख रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ख़ुफ़िया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
पुलिस के आला अधिकारी लगातार पीड़ित परिवार से संपर्क बनाए हुए हैं। पीड़िता के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस को चौबीस घंटे निगरानी बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस की खुफ़िया निगाहें आसाराम के गुर्गों और अंधभक्तों पर भी गड़ी हुई हैं। बिना जांच-पड़ताल के किसी भी अनजान व्यक्ति को पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि 15 अगस्त 2013 की रात में राजस्थान में जोधपुर के पास मणाई आश्रम में पीड़िता नाबालिग के साथ यौन शोषण करने की एफआईआर उसके परिजनों ने 20 अगस्त को दिल्ली के कमला नेहरू बाजार थाने पर दर्ज कराई थी। बाद में जांच के लिए एफआईआर जोधपुर पुलिस को भेजी गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 31 अगस्त की रात को इंदौर स्थित उसके आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में आरोपी को निचली अदालत से लेकर उच्चतम न्यायालय तक जमानत नहीं मिली और वह तब से जोधपुर के केन्द्रीय कारागृह में बंद है।
कड़ी सुरक्षा : केंद्र ने आसाराम के खिलाफ जोधपुर की एक अदालत से कल फैसला सुनाए जाने से पूर्व राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा है। उधर जोधपुर में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है और निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक संदेश जारी कर तीनों राज्यों से सुरक्षा मजबूत करने को कहा है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि अदालत के आदेश के बाद कोई हिंसा नहीं फैले। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों राज्यों से संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बल तैनात करने के लिए कहा गया है। इन तीन राज्यों में बड़ी संख्या में लोग आसाराम के भक्त हैं। गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के जुर्म में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया है। (एजेंसियां)