Ashwini Vaishnav's statement regarding deepfake and misleading information : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार ने डिजिटल मंचों से समाज और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए तकनीकी एवं व्यावसायिक प्रक्रिया समाधान मुहैया कराने को कहा है।
भ्रामक सूचना समाज, लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया के लिए हानिकारक : वैष्णव ने पिछले दिनों बातचीत में इस मसले पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, हमारे जैसे जीवंत और विविधतापूर्ण लोकतंत्र में गलत सूचना वास्तव में बहुत हानिकारक हो सकती है। भ्रामक सूचना समाज, लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकती है और यह हमारे भविष्य एवं समाज के सद्भाव को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकती है।
डीपफेक और भ्रामक सूचना पर कानून के बारे में भी सोचा जा सकता है : उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा, हम डिजिटल मंचों के साथ चर्चा के दौरान बहुत स्पष्ट रहे हैं। हालांकि मंचों ने कई कदम उठाए हैं और वे लगातार कदम उठा रहे हैं। चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद हम निश्चित रूप से बेहद सुविचारित कानूनी ढांचा खड़ा करेंगे।
वैष्णव ने इस मुद्दे को प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम में ही समाहित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, या तो उसके हिस्से के रूप में या डीपफेक और भ्रामक सूचना पर एक अलग कानून के बारे में भी सोचा जा सकता है।
Google के AI टूल जेमिनी ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में आपत्तिजनक प्रतिक्रिया दी थी : पिछले हफ्ते सरकार ने सोशल मीडिया एवं अन्य डिजिटल मंचों के लिए परीक्षण के दौर से गुजर रहे एआई मॉडल को चिह्नित करने और गैरकानूनी सामग्री पर रोक लगाने के लिए एक सलाह जारी की थी। इसके कुछ दिन पहले ही गूगल के एआई टूल जेमिनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक प्रतिक्रिया दी थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour