अटल पेंशन योजना में अंशधारकों को मिली बड़ी सुविधा

मंगलवार, 7 जुलाई 2020 (11:04 IST)
नई दिल्ली। पेंशन नियामक पीएफआरडीए ने बैंकों से अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंशधारकों के योगदान राशि में साल के दौरान किसी भी समय बदलाव के आग्रह को स्वीकार करने और उसके लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। इस पहल का मकसद योजना को और आकर्षक बनाना है।
 
यह व्यवस्था एक जुलाई से लागू हो गई है। इससे पहले, अंशधारकों को केवल अप्रैल महीने में ही में योगदान राशि में बदलाव की अनुमति थी।
 
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'इस व्यवस्था से एपीवाई अंशधारक अपनी आय और एपीवाई योगदान देने की क्षमता में बदलाव के अनुसार योगदान राशि को घटा/बढ़ा सकेंगे। यह 60 साल तक योजना में योगदान बनाये रखने के लिए जरूरी है।'
 
विज्ञप्ति के अनुसार नियामक ने सभी बैंकों से साल में कभी भी एपीवाई अंधारकों के आग्रह के अनुसार पेंशन राशि को घटाने-बढ़ाने के बारे में कदम उठाने को कहा है। यह व्यवस्था एक जुलाई से प्रभाव में आ गई है।
 
पीएफआरडीए के अनुसार, अंशधारक वित्त वर्ष में केवल एक बार पेंशन योजना में बदलाव कर सकते हैं।
अटल पेंशन योजना के तहत करीब 2.28 करोड़ अंशधारक पंजीकृत हैं।
 
पीएफआरडीए ने यह भी कहा कि एक जुलाई 2020 से एपीवाई योगदान राशि संबंधित अंशधारक के बचत खाते से स्वत: कटनी शुरू हो गई है। कोविड-19 महामारी के कारण योगदान राशि जमा करने पर 30 जून तक के लिए रोक लगाई गई थी।
 
मौजूदा व्यवस्था के तहत अगर एपीवाई योगदान अप्रैल-अगस्त 2020 के बीच लंबित है, वह 30 सितंर तक अंशधारकों के बचत खातों से 30 सितंबर तक स्वत: कट जाएगा और उसके लिए जुर्माना स्वरूप कोई ब्याज नहीं देना होगा।
 
अटल पेंशन योजना मई 2015 में शुरू की गई। यह योजना 18 से 40 वर्ष के देश के सभी नागरिकों के लिए खुली है।
 
इस योजना के तहत अंशधारकों को 60 साल के होने पर हर महीने 1,000 रुपए से लेकर 5,000 रुपए तक पेंशन की गारंटी दी जाती है जो उसके द्वारा दी गई योगदान राशि पर निर्भर है। (भाषा)
 

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