Delhi water crisis : भीषण गर्मी के बीच राजधानी में पैदा हुए जल संकट के बीच दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने जलसंकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एक बार फिर लोगों से पानी की बर्बादी रोकने की अपील की। इस बीच दिल्ली सरकार आज इस संबंध में एक आपात बैठक बुलाई है। ALSO READ: क्या दिल्ली में वाकई 52 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ तापमान? IMD ने बताई सचाई
वजीराबाद जल शोधन केंद्र पर निरीक्षण के लिए पहुंचीं अतिशी ने कहा कि दिल्ली अपनी पूरी पानी की पूर्ति के लिए यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना नदी में वो ही पानी आता है जो हरियाणा से छोड़ा जाता है। वजीराबाद प्लांट पर यमुना का पानी आता है उससे वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी मिलता है। जब हरियाणा से पानी ही कम आएगा तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी कहां से लाएगा?
उन्होंने कहा कि हमने हरियाणा सरकार को भी चिट्ठी लिखी है, हम केंद्र सरकार से भी संपर्क करेंगे कि दिल्ली को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए।
अधिकारियों ने बताया कि दोपहर को होने वाली इस बैठक में जल संसाधन मंत्री आतिशी, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
जल संकट के कारण दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने बुधवार को पानी की बर्बादी पर 2000 रुपए का जुर्माना लगाया और जुर्माना लागू करने के लिए 200 टीमें गठित कीं। साथ ही सरकार ने जल संकट से प्रभावित इलाकों में दो पालियों में ट्यूबवेल चलाने और जलापूर्ति के लिए पानी के टैंकर भेजने जैसे कदम उठाने का भी फैसला किया है।