ट्रस्ट की तरफ से दावा किया गया है कि राम मंदिर के लिए विस्तारीकरण के दरमियान खरीदी गई जमीन को पूर्ण रूप से पारदर्शिता के साथ खरीदा गया है, जिसमें सभी तरीके के कर चुकाए गए हैं और पैसा खातों में ही ट्रांजैक्शन किया गया है।
ट्रस्ट ने साफ किया है कि जिस व्यक्ति से यह जमीन खरीदी गई है, उस का अनुबंध 2011 से ही उक्त जमीन पर चल रहा था। जमीन के लोकेशन को लेकर ट्रस्ट जमीन खरीदने की बात तय की थी। 242 गाटा संख्या में जिस जमीन पर चर्चा की गई थी, उस पर 3 मुस्लिम समेत नौ लोगों का एग्रीमेंट चल रहा था। सभी से वार्ता कर सहमति लेने के बाद पूर्ण पारदर्शिता के साथ जमीन खरीदी गई, जिसमें 17 करोड़ रुपया करार किए हुए व्यक्तियों के खातों में आरटीजीएस किया गया।
उल्लेखनीय है कि राजधानी लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए आप नेता संजय सिंह ने बताया कि एक जमीन जो दीप नारायण ने 20 लाख रुपए में खरीदी, राम जन्मभूमि को ढाई करोड़ में बेची दी गई। वहीं मेयर के भतीजे ने एक जमीन जिसकी कीमत 27 लाख रुपए थी, राम मंदिर ट्रस्ट को एक करोड़ में बेची।