जिस समय रोहतक की जेल में जज जगदीपसिंह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सजा सुना रहे थे, उसी समय सिरसा में फुल्कां गांव के पास एक कार धू-धू करके जल रही थी। इसकी कीमत 5-10 लाख नहीं थी, बल्कि करोड़ों में है।
दरअसल, इस कार को किसी हिंसक भीड़ ने नहीं जलाया, बल्कि इन्हें योजनाबद्ध तरीके से जलाया गया। जानकारी के मुताबिक डेरा सच्चा सौदा की तरफ से आने वाले रास्ते से गांव फुल्कां में दो गाड़ियां घुसीं और फिर तेज गति गाड़ियां कोटली मार्ग की तरफ निकल गईं। कुछ दूर जाने के बाद इनमें से एक लेक्सिस गाड़ी को आग लगा दी गई।
सिरसा की नंबर प्लेट लगी इस गाड़ी को जब स्थानीय किसानों ने जलते देखा तो उन्होंने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। यह समय उसी वक्त का बताया जा रहा है, जब डेरा प्रमुख को सजा सुनाई जा रही थी। हालांकि जिस समय यह खबर सुर्खियों में आई थी, तब लोगों ने अटकलें लगाई थीं कि बाबा समर्थकों ने हिंसा भड़काने के मकसद से यह हरकत की है, लेकिन बाद में ऐसा कुछ हुआ नहीं।
अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इतनी महंगी गाड़ी को क्यों आग लगाई गई? ऐसी अटकलें हैं कि यह गाड़ी डेरा की हो सकती है और इसमें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हो सकते हैं, जो कि भविष्य में राम रहीम के लिए मुसीबत का सबब बन सकत हैं। हालांकि इस संबंध में पुलिस की ओर से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है, लेकिन लोग इसके पीछे किसी साजिश की बात होने से इंकार भी नहीं कर रहे हैं।