ईडी ने हाल में बीपीएसएल की 4,025 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने कहा, कंपनी के सीएमडी रहने के दौरान सिंघल और उनके परिवार के सदस्यों ने बीपीएसएल में 695.14 करोड़ रुपए पूंजीगत निवेश के तौर पर लगाए और बैंक ऋण से मिले कोष को मोड़ कर कृत्रिम तरीके से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पैदा किया।
एजेंसी ने बताया कि एलटीसीजी को उपयुक्त समय के लिए आयकर से मुक्त होता है। ईडी ने धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से बीपीएसएल, सिंघल और अन्य पर भ्रष्टाचार के संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद दर्ज किया।
सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि बीपीएसएल ने निदेशकों/ कर्मचारिएं के जरिए फर्जीवाड़ा कर पंजाब नेशनल बैंक (दिल्ली और चंडीगढ़), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (कोलकाता), आईडीबीआई बैंक (कोलकाता) और यूको बैंक (कोलकाता) के ऋण खातों से करीब 2,348 करोड़ रुपए विभिन्न कंपनियों या फर्जी कंपनियों को कोष का दुरुपयोग के लिए भेजे। ईडी ने कहा कि बीपीएसएल ने आरटीजीएस भुगतान के जरिए संदिग्ध खरीदारी की।