यह है नोटिस देने का नियम : अध्यक्ष के निर्देश 115 के तहत कोई सदस्य किसी मंत्री या किसी अन्य सदस्य द्वारा दिए गए बयान में किसी गलती या अशुद्धि को इंगित करना चाहता है तो सदन में मामले का उल्लेख करने या यह मुद्दा उठाने की अनुमति मांगने से पहले अध्यक्ष को गलती का विवरण बताते हुए लिख सकता है। सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष ऐसे साक्ष्य रख सकता है, जो उसके पास आरोप के समर्थन में हों। तथ्यात्मक स्थिति जानने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मामले को मंत्री या संबंधित सदस्य के संज्ञान में ला सकते हैं।
राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया था : राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल के एक बयान पर कहा था कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है।
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा था कि हिन्दू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता। उनके भाषण के कुछ अंश सदन की कार्यवाही से आसन के निर्देशानुसार हटा दिए गए।(भाषा)