अखिलेश यादव ने एक कविता के जरिए एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ये उनका फैसला है, जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज, जो करते थे किसी को लाने का वादा वो खुद हैं किसी के सहारे का लाचार, हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम, जो सच्चे मन से करते हैं सबका कल्याण, सदियों से जन जन गाता है जिनका नाम, अभयदान देती है जिनकी मंद मंद मुस्कान, मानवता के लिए जिनका उठता तीर कमान, जो असत्य पर सत्य की जीत का हो नाम, उफनती नदी पर जो बांधे मर्यादा का बांध, वो है अवध के राजा पुरुषोत्तम राम, हम अयोध्या से लेकर आए हैं प्रेम का पैगाम।
मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी : सपा सांसद ने कहा कि देश किसी की निजी महात्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आकांक्षा से चलेगा, और अब मनमर्जी नहीं, बल्कि जनमर्जी चलेगी। यादव ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है।
उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो 35 प्रतिशत विकास दर चाहिए, जो संभव नहीं दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों का आग्रह है कि कम से कम गंगाजल को लेकर तो झूठ नहीं बोला जाए।
यूपी की सड़कों पर नाव : उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम खरबों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने सवाल किया, 'क्या विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी लेंगे? हमने उत्तर प्रदेश में जो सड़क बनाई थी, उस पर हवाई जहाज उतरे थे, लेकिन अब प्रदेश के मुख्य शहरों की सड़कों पर नाव चल रही हैं।'
EVM पर भरोसा नहीं : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यदि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीत जाए तब भी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भरोसा नहीं होगा। मैंने चुनाव से पूर्व प्रचार के दौरान कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाने का काम करेंगे। ईवीएम का मुद्दा मरा नहीं, और न ही खत्म हुआ है। जब तक ईवीएम नहीं हटेगी, तब तक हम समाजवादी लोग इसको लेकर अडिग रहेंगे।