बारामूला में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सहित 3 आतंकी ढेर, 5 जवान शहीद, अब आतंकियों पर अंतिम प्रहार की तैयारी

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 18 अगस्त 2020 (16:49 IST)
जम्मू। बारामूला (Baramulla) के करीरी में आतंकियों से होने वाली मुठभेड़ दूसरे दिन भी समाचार भिजवाए जाने तक जारी थी। इसमें अभी तक लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सज्जाद समेत 3 आतंकियों को ढेर किया जा चुका था जबकि 5 जवानों को इस कामयाबी को पाने के लिए शहादत देनी पड़ी थी। कल तीन जवान तो आतंकी हमले में शहीद हो गए थे और आज सेना के दो जवान मारे गए हैं।
 
 सोमवार रात अंधेरा होने के कारण ऑपरेशन रोक दिया गया था। इसके बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर से मुठभेड़ शुरू हुई जो कि अभी जारी है। सुरक्षाबलों की ओर से जवाबी कार्रवाई जारी है। आज मुठभेड़ में 2 जवान शहीद हो गए जिनकी पहचान सेना की 29वीं आरआर के पंकज तथा रावेश कुमार के तौर पर की गई है।

सुरक्षाबलों का कहना है कि इलाके में अभी भी 5 से 6 आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका है। अभी तक इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सज्जाद हैदर समेत 3 आतंकियों को मार गिराया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक एसपीओ मुजफ्फर अहमद, दो सीआरपीएफ जवानों लवकुश शर्मा, खुर्शीद खान के अलावा सेना के दो जवान भी इस मुठभेड़ में शहीद हुए हैं।
 
समाचार भिजवाए जाते समय तक सेना ने अब अंतिम प्रहार की तैयारी कर ली थी और मिलने वाले समाचारों के मुताबिक जिस जगह आतंकी छुपे हुए थे वहां मोर्टार से हमले आरंभ कर दिए गए थे। इलाके में बड़े-बड़े धमाके सुनाई दे रहे थे और धुएं के गुब्बार दूर दूर तक दिखाई दे रहे थे।
 
जानकारी के लिए उत्तरी कश्मीर के बारामूलाजिले में सोमवार सुबह आतंकियों ने सुरक्षाबलों की नाका पार्टी पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 2 जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ शहीद हुआ था। हमले के दो घंटे के भीतर सुरक्षाबलों ने लश्कर के उत्तरी कश्मीर प्रमुख सज्जाद अहमद मीर उर्फ हैदर समेत तीन हमलावरों को ढेर कर शहादत का बदला ले लिया गया, लेकिन आतंकियों से मुठभेड़ समाप्त नहीं हुई।
 
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में लश्कर का ऑपरेशन कमांडर सज्जाद हैदर उर्फ जजा शामिल है। बांडीपोरा में भाजपा के तीन नेताओं की हत्या के पीछे भी यही मास्टरमाइंड था। हैदर का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। उस पर साढ़े 12 लाख रुपए का इनाम था। वह उत्तरी कश्मीर में नंबर वन और कश्मीर के टॉपटेन आतंकियों में शामिल था।

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