नेतन्याहू ने कहा कि उनको आशा है कि उनकी भारत यात्रा से प्रौद्योगिकी, कृषि और विश्व में परिवर्तन ला रहे अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि हां, स्वाभाविक तौर पर हम निराश हुए, लेकिन यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि हमारे रिश्ते कई मोर्चों पर आगे बढ़ रहे हैं।
इसराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि एक वोट सामान्य प्रवृत्ति को प्रभावित कर सकता है। आप कई अन्य मतदान और इन यात्राओं को देख सकते हैं। पिछले महीने भारत उन 127 देशों में शामिल था, जिन्होंने यरूशलम को इसराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाये गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था।
नेतन्याहू ने कहा कि सबसे पहले तो दोनों देशों, उनके लोगों और नेताओं के बीच का संबंध विशेष है। भारत और इसराइल की साझेदारी स्वर्ग में बनी जोड़ी है जो धरती पर साकार हुई। नरेंद्र मोदी को ‘महान नेता’ बताते हुए नेतन्याहू ने कहा कि उनके भारतीय समकक्ष ‘अपने लोगों के भविष्य के लिए उत्सुक हैं। (भाषा)