राफेल ने भारत के फैसले पर अफसोस जाहिर किया है साथ ही यह भी कहा कि वह भारतीय रक्षा मंत्रालय के साथ सहयोग करने तथा भारत के साथ काम करने की अपनी रणनीति के साथ प्रतिबद्ध है, क्योंकि पिछले दो दशकों से कंपनी भारत को सबसे उन्नत और नए सिस्टम उपलब्ध कराती रही है।
नेतन्याहू 14 जनवरी से भारत दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि वे इस दौरान भारत के समक्ष यह मुद्दा उठा सकते हैं क्योंकि राफेल के सीईओ भी नेतन्याहू के साथ भारत दौरे पर आ सकते हैं। प्रस्ताव के मुताबिक, भारत ने सेना के लिए 50 करोड़ डॉलर की कीमत के एटीजीएम खरीदने की योजना बनाई थी।