सेना पर संघर्ष के तत्काल प्रभाव के बारे में जनरल पांडे ने कहा कि कुछ गोला-बारूद और कल-पुर्जों की आपूर्ति श्रृंखला कुछ हद तक प्रभावित हुई है, लेकिन यह भी कहा कि उपलब्ध भंडार निकट भविष्य में उचित अवधि के लिए पर्याप्त है।
सेना प्रमुख के रूप में 30 अप्रैल को पदभार संभालने वाले जनरल पांडे ने कहा कि भारत को विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य में अपने दो विरोधियों के रुख पर नजर रखनी होगी। जनरल पांडे ने कहा कि उभरती हुई भू-राजनीतिक स्थिति या विश्व व्यवस्था के संदर्भ में हमें नए गठबंधन को लेकर हमें बहुत बारीकी से निगरानी करनी होगी।
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूक्रेन संकट अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति से ध्यान न हटा दे। उन्होंने कहा कि ए ऐसी स्थिति और मुद्दे हैं जिन पर हमें लगातार निगरानी रखनी होगी और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव की स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिक्रिया विकसित करनी होगी।
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत को रूस-यूक्रेन संघर्ष से कई सबक लेने होंगे और कहा कि वायु रक्षा प्रणाली, रॉकेट, मिसाइल और कुछ टैंक से संबंधित उपकरणों के लिए सेना दोनों देशों पर निर्भर है। जनरल पांडे ने कहा कि जहां तक (संघर्ष के) तत्काल प्रभाव का संबंध है, कल-पुर्जों, गोला-बारूद की आपूर्ति श्रृंखला कुछ हद तक प्रभावित हुई है, लेकिन मैं कहूंगा कि हमारे पास निकट भविष्य में उचित अवधि के लिए पर्याप्त भंडार है।