आजकल हर जगह आधार कार्ड (AADHAR Card) को बतौर आईडी प्रूफ यूज किया जाता है। आधार कार्ड बाकी दस्तावेज से इसलिए अलग होता है क्योंकि इसमें नागरिकों की बायोमेट्रिक जानकारी जैसे हाथों के फिंगरप्रिंट और आंखों के रेटिना की जानकारी दर्ज होती है। लेकिन कई बार आधार बनवाते वक्त कुछ जानकारी गलत दर्ज हो जाती है, ऐसे में इन जानकारियों को अपडेट करना बहुत जरूरी होता है।
खबरों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में आधार की उपयोगिता हमारे जीवन में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। आजकल हर जगह आधार कार्ड को बतौर आईडी प्रूफ यूज किया जाता है। ऐसे में सरकार ने इसकी बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए 5 साल से छोटे बच्चों के लिए आधार कार्ड बनाने की अनुमति दी है। 5 साल से छोटे बच्चों का नीला आधार कार्ड बनता है।
आधार की बढ़ती उपयोगिता के कारण इसे अपडेट रखना बहुत जरूरी है। कई बार आधार बनवाते वक्त कुछ जानकारी गलत दर्ज हो जाती है। ऐसे में इन जानकारियों को अपडेट करना बहुत जरूरी है। इसके लिए UIDAI ने आधार कार्ड में नाम, जन्मतिथि, पता, मोबाइल नंबर, लिंग आदि जानकारी बदलने की एक लिमिट तय की है।
लेकिन घर के एड्रेस, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, फोटो, फिंगर प्रिंट और रेटिना स्कैन को आप बार-बार अपडेट करा सकते हैं।