कंपनी ने कहा है कि उसे कोविड-19 के कारण मध्यम से लेकर गंभीर तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (एआरडीएस) के मामले में साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम के उपचार के लिए भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए इटोलिज़ुमाब इंजेक्शन (25 मिग्रा/पांच मिली लीटर) के विपणन की भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी प्राप्त हुई है।
बायोकॉन के कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजदार-शॉ ने एक आभासी सम्मेलन में कहा, जब तक वैक्सीन नहीं आती है, तब तक हमें जीवनरक्षक दवाओं की जरूरत होती है। मुझे लगता है कि हम दुनियाभर में जो कर रहे हैं, वह यह है कि हम इस महामारी के इलाज के लिए दवाओं का पुन: उपयोग कर सकते हैं या नई दवाओं का विकास कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही हमें इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में कोई टीका मिल जाए, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दोबारा संक्रमण नहीं होगा, इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि जिस तरह से हम इसके काम करने की उम्मीद कर रहे हैं, यह उसी तरह से काम करेगा। इसलिए हमें तैयार रहने की जरुरत है।(भाषा)