उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही दक्षिण भारतीयों से घृणा करती रही है। कांग्रेस में एकमात्र गैर गांधी प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने 5 साल तक शासन किया था जिनसे सोनिया गांधी घृणा करती रहीं और उनके निधन के पश्चात राव का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय नहीं लाने दिया और न ही राजधानी में उनका अंतिम संस्कार होने दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि उसकी अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार 10 साल तक दक्षिण भारतीयों के समर्थन से ही चली थी लेकिन इसके बावजूद दक्षिण भारतीयों के प्रति कांग्रेस की नफरत दूर नहीं हो पाई। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष गांधी को देशवासियों खासकर दक्षिण भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए और सिद्धू को पंजाब मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।
गुजरात में हाल में कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर एवं उनके संगठन के लोगों ने उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लोगों को जिस प्रकार से भागने पर मजबूर किया, वह उसकी विभाजनकारी राजनीति का नमूना है। कांग्रेस का भीमा-कोरेगांव का जातीय संघर्ष में हाथ एवं शहरी नक्सली का समर्थन दरअसल कैम्ब्रिज एनालिटिका के देश में सामाजिक, सांप्रदायिक एवं जातीय टकराव के एजेंडा के अनुरूप दिखाई देता है। (वार्ता)