माल्या को दो बार कांग्रेस के कार्यकाल में मिला लोन, मनमोहन और चिदंबरम फंसे

सोमवार, 30 जनवरी 2017 (14:53 IST)
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने विजय माल्या की चिट्ठी को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर बड़ा खुलासा किया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विजय माल्या की चिट्ठी दिखाते हुए मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम से कई सवाल किए। संबित पात्रा ने दोनों के पत्राचार की पूरी जानकारी मीडिया के साथ साझा किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबित पात्रा ने दावा किया कि अभी बंद पड़े किंगफिशर एयरलाइन के मालिक और भगौड़ा विजय माल्या ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। पात्रा ने बताया, मनमोहन साहब ने विजय माल्या को टॉप ब्यूरोक्रेट्स से बात करने को कहा था। संबित की माने तो मनमोहन सिंह के निर्दश पर माल्या ने उनके सलाहकार टीकेए नायर से मुलाकात की। पात्रा ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माल्या की मदद के लिए संबंधित मंत्रालयों से खुद बात की।
 
संबित पात्रा ने बताया, माल्या से मनमोहन सिंह और चिंदबरम को दो-दो चिट्ठियां लिखी। संबित ने बताया, माल्या ने मनमोहन सिंह को पहली चिट्ठी 4 अक्टूबर 2011 और दूसरी चिट्ठी 22 नंवबर 2011 को लिखी। जबकि तत्कालिन वित्तमंत्री चिदंबरम को माल्या ने 21 मार्च 2013 और 22 मार्च 2013 को चिट्ठी लिखी थी।
 
पात्रा ने कहा- माल्या को दो बार लोन दिया गया। पहले 2004 और फिर 2008 में। इतना ही नहीं 2010 में उनके लोन को रिस्ट्रक्चर भी किया गया।...उल्लेखनीय है कि इस दौरान मनमोहन प्रधानमंत्री और पी. चिदंबरम फाइनेंस मिनिस्टर थे।
 
मनमोहन के कहने पर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या पर लचिला रुख अपनाया और उनके अकाउंट भी फ्रीज नहीं किए गए। पात्रा ने कहा- अकसर, ये सवाल पूछा जाता है कि खराब रेटिंग के बावजूद माल्या को 9 हजार करोड़ का लोन कैसे मिल गया? इसका जवाब ये है कि पीछे से कोई ताकत जरूर मदद कर रही थी। हमारे पास लेटर और ईमेल सबूत के तौर पर मौजूद हैं।
 
गौरतलब है कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान ही विजय माल्या ने भारी भरकम लोन लेकर अपने कारोबार का विस्तार किया और अंत में वह लोन न चुकाने के चलते देश से भाग गया। 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें