BJP targeted Congress over Hindenburg report : भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश में निवेश को नष्ट करने के लिए एक ढकोसला है।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी के इस रुख को दोहराया कि शॉर्ट सेलिंग कंपनी का आरोप और विपक्ष द्वारा बाजार नियामक सेबी की आलोचना एक व्यापक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित, स्थिर और बेहतर बाजार के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा माहौल बनाना चाहती है कि भारत का निवेश परिदृश्य सुरक्षित नहीं है।
प्रसाद ने कहा कि अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग में निवेशक हैं और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि शेयर बाजार धराशायी हो जाए जिसने करोड़ों छोटे निवेशकों को अच्छी आय दी है।
कांग्रेस के 10 साल के शासन में कई घोटाले हुए : उन्होंने कहा, लोगों द्वारा खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह में उसके सबसे करीबी सहयोगी ने भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने के लिए एकसाथ साजिश रची है। प्रसाद ने सवाल किया कि 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस के 10 साल के शासन में कई कथित घोटाले हुए और तब इस तरह की आलोचनात्मक रिपोर्ट क्यों नहीं लाई गई?
उन्होंने आरोप लगाया, कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस काल्पनिक रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अराजकता पैदा करने में शामिल है। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि निवेशकों को साजिश का एहसास हो गया है और उन्होंने बाजार को झटका देने के प्रयासों को खारिज कर दिया।
कांग्रेस उन्हें नुकसान क्यों पहुंचाना चाहती है? : न्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट फुस्स साबित हुई है क्योंकि भारत के निवेशकों ने इस शार्ट सेलर और कांग्रेस के सुनियोजित षड्यंत्र पर विश्वास नहीं किया। प्रसाद ने कहा कि छोटे निवेशकों ने बड़ी संख्या में अपना पैसा शेयर बाजार में लगाया है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस उन्हें नुकसान क्यों पहुंचाना चाहती है?
उन्होंने दावा किया, राहुल गांधी और उनके टूलकिट मित्रों की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते कांग्रेस अब हिंदुस्तान से नफरत करने लगी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेबी ने अडाणी समूह के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर के अपने पिछले साल के आरोपों के तहत अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा था लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुआ और इसके बजाय उसने उसकी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच को निशाना बनाया।
इस मुद्दे पर गांधी द्वारा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले जाने पर प्रसाद ने कहा कि उन्हें निराधार आरोप लगाने की आदत है। उन्होंने कहा कि पेगासस मुद्दे पर जांच का आदेश दिए जाने के बाद उन्होंने कभी जांच के लिए अपना फोन नहीं दिया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा कांग्रेस को बेनकाब करेगी।
भाजपा प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस की ओर से इतना होहल्ला करने के बाद भी बाजार में मात्र 0.07 प्रतिशत की कमी हुई है। उन्होंने एक बयान में कहा कि कांग्रेस का पुराना इतिहास रहा है कि देश के हितों से ज्यादा उसे विदेशी हितों की चिंता रहती है।
यह विदेशी ताकतें भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को रोकना चाहती हैं : उन्होंने कहा, चाहे वह कांग्रेस के संस्थापक एओ ह्यूम हों या चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से उसका गुप्त समझौता हो, चाहे जॉर्ज सोरोस जैसे लोगों से गुप्त भेंट हो या हिंडनबर्ग की रिपोर्ट हो। कांग्रेस पार्टी कभी भी देश के हितों के साथ नहीं बल्कि विदेशी ताकतों के हितों के साथ खड़ी होती है। यह विदेशी ताकतें भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को रोकना चाहती हैं।
वल्लभ ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बावजूद भी बाजार पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा, बाजार शुक्रवार को जिस स्थिति में था, आज भी उसी मॉरल डेस्क पर बंद हुआ, यह भारत के बाजारों की दृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, जिस तरह से देश के लोगों ने विपक्षी दलों को खारिज किया है वैसे ही भारतीय बाजार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की आग को देश में फैलाने वाले लोगों के षड्यंत्र को खारिज कर दिया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति की कथित अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट विदेशी फंड में हिस्सेदारी थी। सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है।
अडाणी समूह ने अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour