Video : माधवी पुरी बुच ने अभी तक क्यों नहीं दिया इस्तीफा, राहुल गांधी बोले निवेशकों की कमाई डूबी तो कौन होगा जिम्मेदार?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 11 अगस्त 2024 (20:28 IST)
Hindenburg Research Report  News : हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट पर सियासी घमासान मचा हुआ है। अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने संदेह जताया है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है। मामले को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। मामले पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बयान भी सामने आया है।  
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से संस्था की शुचिता के साथ ‘गंभीर समझौता’ हुआ है और उन्होंने पूछा कि क्या उच्चतम न्यायालय इस मामले पर फिर स्वत: संज्ञान लेगा। गांधी की यह टिप्पणी हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म ने शनिवार रात जारी अपनी रिपोर्ट में संदेह जताया है कि अडाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है।
 
गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की शुचिता, इसकी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। 

The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.

Honest investors across the country have pressing questions for the government:

- Why… pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं : सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडाणी?’’
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बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच एवं उनके पति ने रविवार को कहा कि अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और अध्यक्ष का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है। अडाणी समूह ने नवीनतम आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है।

सेबी का भी आया बयान : अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपनी पहली टिप्पणी में रविवार को कहा कि उसने अदाणी समूह के खिलाफ सभी आरोपों की विधिवत जांच की है।
 
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बयान में कहा कि उसकी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी और संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा।
 
नियामक ने कहा कि उसने अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की विधिवत जांच की है। उसकी 26 पहलुओं में से सिर्फ एक पहलू की जांच बची है और वह भी पूरी होने वाली है।
 
सेबी ने कहा कि बुच ने समय-समय पर ‘संबंधित खुलासे’ किए हैं, और संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग भी रखा है।
 
इससे पहले, बुच और उनके पति धवल ने आरोपों को निराधार बताया था। दंपति ने कहा कि हिंडनबर्ग पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है और चेयरपर्सन के चरित्र हनन का भी प्रयास कर रही है।
 
हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि उसे संदेह है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी। अमेरिकी कंपनी ने आरोप लगाया कि बुच और उनके पति धवल ने एक फंड में निवेश किया था जिसका कथित तौर पर गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था।
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पूंजी बाजार नियामक ने एक बयान में कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की सेबी द्वारा विधिवत जांच की गई है।” सर्वोच्च न्यायालय ने इस वर्ष जनवरी में दिए गए आदेश में स्वयं उल्लेख किया था कि अदाणी के खिलाफ 26 में से 24 जांच पूरी हो चुकी हैं। उसने कहा कि मार्च में एक और जांच पूरी हो गई है तथा अंतिम जांच अब पूरी होने वाली है।
 
नियामक ने कहा कि उसने अपनी जांच के तहत जानकारी मांगने के लिए 100 से अधिक समन, करीब 1,100 पत्र और ईमेल जारी किए हैं। करीब 12,000 पन्नों वाले 300 से अधिक दस्तावेजों की जांच की गई है। इनपुट भाषा

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