गुरुवार से दिल्ली में शुरु हुए भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में यह तय किया गया कि शाह संगठन के चुनाव होने तक अपने पद पर बने रहेंगे। संगठन के चुनाव से पहले पार्टी 6 जुलाई से पूरे देश में सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है वहीं सदस्यता अभियान के बाद पहले राज्यों में संगठन के चुनाव होंगे उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
संभवत: यह पूरी प्रकिया दिसंबर तक पूरी होगी और तभी भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा, तब तक वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह अपने पद पर बने रहेंगे। वहीं इस साल के अंत में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानभा चुनाव से पहले पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है और लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले दिनों तीनों ही राज्यों के प्रदेश नेतृत्व के साथ बैठक कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है।
कार्यकारी अध्यक्ष पर हो सकता है निर्णय : भाजपा के राजनीति को करीबी से देखने वाले जानकार कहते हैं कि पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष का निर्णय भी ले सकती है। अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद अगर पार्टी के संसदीय बोर्ड को लगता है कि पार्टी संगठन के कामकाज को चलाने के लिए किसी कार्यकारी अध्यक्ष को बनाया जाना जरुरी है तो पार्टी का संसदीय बोर्ड इस पर निर्णय ले सकता है।