उन्होंने कहा कि कर चोरी के चलते पहले भी लोग जेल गए हैं। सरकार को 30 सितंबर के बाद वही कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि और उस पाप को करना नहीं चाहता हूं जो 30 सितंबर को मुझे करना पड़ेगा।’ आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत कालाधन रखने वाले अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा 30 सितंबर तक कर ‘पाक साफ’ हो सकते हैं।
आम घरों व मंदिरों में पड़े हुए सोने को बाजार में लाने की महत्वाकांक्षी योजना का ज्रिक करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा चूंकि आभूषणों का इस्तेमाल तो साल में केवल दो-चार, पांच बार ही होता है इसलिए अच्छा हो कि अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए इसे सरकार को ‘लोन रूप में’ दे दिया जाए। मोदी ने कहा,‘ दुर्भाग्य से भारत में सोने को सामाजिक प्रतिष्ठा से जोड़ दिया गया है. यह ‘डेड मनी’ के रूप में पड़ा रहता है इसे सरकार के पास जमा कराया जा सकता और जरूरत पड़ने पर लिया जा सकता है।
इससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।’ एक अनुमान के अनुसार देश में आम घरों व मंदिरों में लगभग 20,000 टन सोना पड़ा हुआ है। आभूषणों पर उत्पाद शुल्क के मुद्दे का ज्रिक करते हुए मोदी ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों में संवाद हुआ है। मोदी ने कहा,‘ मैं जानता हूं कि मैं कहां आया हूं। आप लोगों ने सरकारों को फैसले वापस लेने को मजबूर किया है।’ उन्होंने कहा,‘ :संवाद के बाद: यह अच्छा हुआ कि उत्पाद शुल्क भी रहा और मुद्दे भी सुलझा लिए गए। हमने :कर छापों के: डर के माहौल को खत्म किया है।’ मोदी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिया है कि नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में सहयोगी के रूप में लिया जाये और करदाताओं को करचोर नहीं समझा जाए।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आभूषण बाजार बढ़ रहा है और हस्तनिर्मित आभूषण बहुत ही लोकप्रिय हुए हैं। उन्होंने जौहरियों, आभूषण निर्माताओं का आह्वान किया,‘ घरेलू बाजार से परे देखें। हां घरेलू बाजार बहुत बड़ा व लुभावना है लेकिन वैश्विक बाजार पर भी नजर डालें।’ एक अलग रत्न व आभूषण मंत्रालय के लिए उद्योग की मांग को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि वे खुद इस क्षेत्र के विकास के लिए खड़े हैं। (भाषा)