देश में 15 हजार करोड़ रुपए एक दिन में चलन में बना रहता है। इसमें 100, 50 के नोटों की संख्या तो पहले से ही बहुत कम है। जबसे एटीएम का चलन हुआ है तब से खुल्ले पैसों की दिक्कत यूं भी बढ़ गई है। सभी कामकाजी लोगों की तनख़्वाह आजकल सीधे बैंकों में ही जमा होती है। वो इसको एटीएम से ही निकालते हैं। एटीम से अधिकांशत: 500 और 1000 के ही नोट मिलते हैं।
20, 50 और 100 के नोटों की कालाबाजारी के बड़ी समस्या हो जाएगी। जिनके पास काला धन है वो इसे सफेद करने के लिए अधिक रकम चुका कर भी 50 और 100 के नोट भी हासिल करना चाहेंगे। काला धन रखने वाले 100 का नोट लेने के लिए 200 रुपए भी देने को तैयार हो जाएंगे। 500 के बदले 300 भी मिले तो वो सफेद हैं। जिसके पास 500 सफेद हैं वो बैंके में जमा कर पूरे 500 वापस ले सकता है। पर सवाल यह है कि 100 और 50 के इतने नोट आएंगे कहां से?