मुकदमे के अनुसार, रामदेव ने ‘कोरोनिल’ के संबंध में ‘‘अप्रमाणित दावे’’ करते हुए इसे कोविड-19 की दवा बताया था, जबकि इसे केवल ‘‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’’ की दवा के तौर पर लाइसेंस दिया गया था। चिकित्सक संघों ने आरोप लगाया है कि रामदेव द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए गलत सूचना के आधार पर अभियान चलाया गया, जिसमें ‘कोरोनिल’ भी शामिल है। ‘कोरोनिल’ को कोविड-19 के लिए एक वैकल्पिक उपचार होने का दावा किया गया था। इनपुट एजेंसियां