चारों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया जा चुका है। निर्मलसिंह और कृष्णलाल को हथियार कानून के तहत भी दोषी ठहराया जा चुका है। राज्य सरकार ने मंगलवार को एक याचिका दायर कर कहा था कि डेरा प्रमुख की आवाजाही के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।