प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को यह फ्रैसला किया है। एक बार बारह महीने के लिए इस योजना से सरकारी खजाने पर 5,237 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। केन्द्र सरकार अपने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खरीदे गए दलहन के स्टॉक से राज्य सरकारों को 34.8 लाख टन दाल देगी।
मिलेगी 15 रुपए किलो की छूट : इसके तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को, ‘पहले आओ- पहले पाओ’ आधार पर थोक बाजार मूल्य पर 15 रुपए प्रति किलो की छूट के साथ, 34.88 लाख टन तुअर, चना, मसूर, मूंग और उड़द जारी करने की पेशकश की जाएगी।
कानून और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, 'सरकार इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 5,237 करोड़ रुपए खर्च करेगी। राज्य / केंद्रशासित प्रदेश अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं / कार्यक्रमों जैसे कि मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम (आईसीडीपी) में दालों का उपयोग करेंगे।
दलहन उत्पादन का रिकॉर्ड : देश में पिछले दो वर्षों से दलहनों के उत्पादन के नए रिकार्ड बन रहे हैं। जिसके कारण इसके मूल्य गिर गए हैं। ऐसी स्थिति में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों के हितों की संरक्षा के लिए पीएसएस के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालों की खरीद करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने का फैसला किया ओर उसने 45.4 लाख टन दालों की खरीद की।