लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) में चल रही तनातनी के मद्देनजर 'साइकिल' पर कब्जे के लिए मामला निर्वाचन आयोग पहुंचने के बाद मंगलवार को सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायमसिंह यादव के बीच करीब डेढ घंटे की मुलाकात से यादव परिवार में फिर से सुलह होने के आसार बढ़ गए हैं।
अखिलेश और उनके पिता की मुलाकात मुलायमसिंह यादव के पांच विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर हुई। इसके लिए अखिलेश पूर्वान्ह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर अपने चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास से पिता के घर पहुंचे। पिता-पुत्र के बीच करीब 90 मिनट तक बेरोकटोक बातचीत हुई। इस बातचीत में कोई अन्य शामिल नहीं हुआ। अखिलेश को यहां एक जनवरी को संपन्न आपातकालीन अधिवेशन में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पिता-पुत्र के बीच यह दूसरी बैठक थी।
इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोनों बंगलों के बीच स्थित अंदर के दरवाजे से अपने आवास में चले गए और बाद में वह अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास के लिए रवाना हो गए। अपने आवास से निकलते समय अखिलेश ने हाथ हिलाकर अपने समर्थकों को यह संकेत दिया कि पार्टी में 'सब कुछ' ठीक ठाक है, लेकिन उन्होंने मीडिया से बातचीत नहीं की।
अखिलेश यादव अपने समर्थकों को पहले ही अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर चुनाव प्रचार में जाकर जुटने का निर्देश दे चुके हैं जबकि उन्होंने एलान किया कि वह जल्द ही अपना प्रचार अभियान कार्यक्रम जारी कर देंगे।
इस बीच, सूत्रों का मानना है कि मुलायमसिंह यादव ने बैठक के दौरान अखिलेश से चुनाव आयोग को सौंपे गए पत्र को वापस लेने को कहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि वह पार्टी के चुनाव अभियान के मुखिया बने रहेंगे, जबकि अखिलेश के हाथ में प्रचार अभियान की कमान और टिकट वितरण का कार्य रहेगा।
सूत्रों का कहना था कि बैठक में मुलायम ने अपने बेटे अखिलेश को आश्वस्त किया कि पार्टी के सूबे में सत्ता में वापस आने पर वह ही मुख्यमंत्री होंगे, जबकि मुलायम पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे। पूर्व रक्षामंत्री मुलायमसिंह यादव द्वारा सोमवार शाम नई दिल्ली से यहां पहुंचते ही राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी के सत्ता में आने पर अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाए जाने का एलान किए जाने के बाद आज पिता-पुत्र के बीच यह मुलाकात मुमकिन हुई।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के सामने नई दिल्ली में सपा के 'साइकिल' चुनाव चिन्ह पर अपनी दावेदारी पेश करने के बाद यादव ने अपने भाई शिवपालसिंह यादव और सूबे के मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ यहां पहुंचने पर एक निजी चैनल से कल रात कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि अखिलेश राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
पिता-पुत्र के बीच आगामी राज्य विधानसभा के चुनाव में सपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा को लेकर ठनी हुई थी। राज्य विधानमंडल दल द्वारा मुख्यमंत्री का चयन किए जाने का एलान करते हुए मुलायम ने पहले अखिलेश को पार्टी का 'मुख्यमंत्री पद का चेहरा' घोषित करने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि सपा में कोई मतभेद नहीं है। मैं जल्द ही अपने चुनाव अभियान का आगाज करके मंडलीय मुख्यालयों पर सभाओं को संबोधित करूंगा तथा अखिलेश पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। उधर, प्रो़ रामगोपाल यादव ने आज नई दिल्ली में इस सम्पूर्ण प्रसंग को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए मुलायम खेमे से चुनाव आयोग में दिए गए अपने प्रार्थनापत्र को वापस लेने की मांग की है। (वार्ता)