नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाएं 'नीट' (NEET) और 'नेट' (NET) में कथित गड़बड़ी को लेकर उपजे विवाद के बीच परीक्षा सुधारों पर शिक्षा मंत्रालय की समिति परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी चिंताओं और चुनौतियों को समझने के लिए अभिभावकों एवं छात्रों के साथ बातचीत करेगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय समिति ने अपनी पहली बैठक सोमवार शाम को की। राधाकृष्णन ने मंगलवार को कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता देशभर के छात्रों और अभिभावकों से उनकी चिंताओं और सुझावों को जानना है। जहां तक संभव हो व्यक्तिगत रूप से या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से उनसे जुड़ने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए अगली प्राथमिकता परीक्षा शुरू करने के लिए शीघ्रता से एक मजबूत प्रणाली बनाना है। हम भविष्य को ध्यान में रख रहे हैं। विशेष रूप से देश में एक मजबूत प्रणाली, त्रुटिरहित प्रणाली और एक ऐसी प्रणाली विकसित करने पर गौर कर रहे हैं, जो छात्रों की परेशानी और तनाव को कम करेगा। बैठक में मौजूद रहे सूत्रों के अनुसार समिति मौजूदा स्थिति और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों का जायजा लेगी।
एक सूत्र ने बताया कि समिति को एजेंसी की मौजूदा प्रक्रियाओं और कामकाज से अवगत कराया गया। समिति ने एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं और प्रत्येक परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या के बारे में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर भी गौर किया।
सूत्र ने बताया कि समिति ने इस बात पर भी गौर किया कि कौन-सी परीक्षा कागज और कलम के जरिए और कौन-सी परीक्षा कम्प्यूटर के जरिए कराई जाए। ऐसा माना जा रहा है कि बैठक के दौरान समिति ने साइबर सुरक्षा के मुद्दों और 'डार्कनेट' द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की, जहां यूजीसी-नेट परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था। नेट परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसके अगले ही दिन शिक्षा मंत्रालय ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था।
मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार समिति द्वारा सुझाए गए सुधारों को अगले सत्र की परीक्षा में लागू किए जाने की संभावना है। एक अधिकारी ने कहा कि इस काम को पूरी तैयारी के साथ करना होगा ताकि कोई खामी न रहे। समिति 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी और हम अगले सत्र की परीक्षा तक सुधारों को लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करेंगे।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) और पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा 'नेट' में कथित गड़बड़ी के बीच केंद्र ने एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारु और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को एक समिति गठित की थी।
समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर अपने सुझाव देगी। समिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.जे. राव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के. राममूर्ति शामिल हैं।
'पीपल स्ट्रॉन्ग' के सहसंस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी समिति में शामिल हैं। समिति को विभिन्न परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने तथा अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करने तथा प्रणाली की मजबूती बढ़ाने के लिए सुझाव देने का भी जिम्मा सौंपा गया है।(भाषा)