चीन का बाढ़ बम! भारत ने उठाए 'ड्रेगन' की नीयत पर सवाल...

शुक्रवार, 18 अगस्त 2017 (19:25 IST)
नई दिल्ली।  देश के 14 राज्य भीषण बाढ़ की मार झेल रहे हैं और अब तक 650 से ज्यादा लोग 'बाढ़ की बलि' चढ़ चुके हैं...हजारों की संख्या में बेजुबान पशु तो मौत के मुंह में कब समां गए, कुछ पता ही नहीं चला। क्या भारत में चीन ला रहा है बाढ़ की तबाही? यह सवाल फिलहाल हवा में तैर रहा है क्योंकि चीन ने इस बार ऐसी हरकत कर डाली है, जिसकी वजह से भारत में कोहराम मचा हुआ है...
 
चीन ने इस बार डोकलाम विवाद के बीच मानवता की सभी हदें पार कर दी है...चीन ने उसके यहां से प्रवाहित होकर भारत आने वाली नदियों की जलराशि के आंकड़े इस साल साझा नहीं किए हैं, जिसकी वजह से पूर्वोत्तर राज्यों में आई विनाशकारी बाढ़ ने सैकड़ों लोगों की जान लील ली है। बाढ़ का तांडव और कितनी जानें लेगा, कुछ नहीं कहा जा सकता।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत एवं चीन के बीच कायम व्यवस्था के तहत विशेषज्ञ समूहों की साझा बैठक जून 2016 में हुई थी। वर्ष 2013 और 2016 में हस्ताक्षरित सहमति पत्रों के अनुसार चीन हर साल 15 मई से 15 अक्टूबर के बीच ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों के जलप्रवाह का डाटा नियमित रूप से देता है।
              
कुमार ने कहा, इस साल चीन की ओर से हमारे पास कोई डाटा नहीं नहीं आया है। उन्होंने इसके कारणों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए हालांकि यह भी कहा कि इस बात को डोकलाम विवाद से जोड़कर देखना तर्कसंगत नहीं है क्योंकि कई बार तकनीकी कारण से भी ऐसा संभव नहीं हो पाता है। 
               
उनसे सवाल किया गया था कि पूर्वात्तर में बाढ़ के कारण भारी तबाही हो रही है। ऐसे में क्या चीन भारत को नदीजल प्रवाह से जुड़ा डाटा नियमित रूप से दे रहा है? गौरतलब है कि डोकलाम विवाद जून 16 से भड़का लेकिन उससे एक माह पहले से ही 15 मई से साझा होने वाले नदी जल डाटा को चीन द्वारा नहीं दिए जाने के पीछे उसकी कूटनीतिक मंशा को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। 
       
      
लद्दाख में पैगांग झील के पास 15 अगस्त को हुई घटना की पुष्टि करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी घटनाएं दोनों देशों के हित में नहीं हैं। चीन में भारत के विरुद्ध आए एक वीडियो 'सेवेन सिन्स ऑफ इंडिया' तथा वहां भारत के विरुद्ध की जा रही छींटाकशी के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह ऐसे किसी वीडियो पर टिप्पणी करके उसे कोई अहमियत नहीं देना चाहते हैं। 
              
यह पूछे जाने पर कि डोकलाम विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच बातचीत का क्या नतीजा रहा है और किन देशों ने भारत का पक्ष लिया है? उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है और यह बात वह मीडिया के साथ साझा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि डोकलाम के मुद्दे पर हमने पहले भी कहा है कि हम चीन के साथ आपसी सहमति से इसका समाधान खोजने का प्रयास करेंगे। 
           
  
उल्लेखनीय है कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में जापान के राजदूत ने एक बयान में डोकलाम विवाद में भारत के पक्ष का समर्थन किया है। जापानी राजदूत के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि यह बयान ही पूरी बात स्पष्ट कर देता है। 
              
एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने सिंतबर के आरंभ में चीन में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाग लेने या नहीं लेने के बारे में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की उचित समय पर जानकारी दी जाती है।

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