चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिंहुआ ने बताया कि बातचीत के दौरान डोभाल ने वांग से कहा कि युद्ध का विकल्प भारत ने नहीं चुना लेकिन पहलगाम हमले के बाद उसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत थी। वांग ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ है। इस हमले के बाद से ही भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
वांग ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विचार-विमर्श के माध्यम से व्यापक तथा स्थायी युद्धविराम होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मौलिक हित इसी में हैं और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि चीन पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करता है और हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है।
शिंहुआ की खबर के अनुसार, वांग ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक डार से भी बात की। खबर के अनुसार, डार के साथ बातचीत में वांग ने कहा कि पाकिस्तान और भारत का पड़ोसी होने के नाते चीन दोनों देशों के बीच संघर्ष को लेकर चिंतित है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। सीमा पार से चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद परमाणु हथियार से लैस दोनों देशों के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोकने पर शनिवार को सहमति बन गई।