आतंकवाद का आका पाकिस्तान कैसे बन गया UNSC का अध्यक्ष? जानें कब तक रहेगी कुर्सी और क्या होंगी खास पावर्स

WD Feature Desk

शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 (12:21 IST)
Why Pakistan Is Leading the UN Security Council in July 2025 : यह खबर दुनिया भर में कई लोगों के लिए आश्चर्य और चिंता का विषय बन गई है। एक ऐसा देश, जिस पर दशकों से आतंकवाद को पनाह देने और बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं, वह अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष बन गया है। यह कैसे संभव हुआ और इसके क्या निहितार्थ हो सकते हैं?  हाल ही में, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली है। पाकिस्तान पर भारत सहित कई देशों द्वारा सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने, आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने और उनके वित्तपोषण में लिप्त होने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में, आपके मन में भी ये सवाल उठा होगा कि आखिर एक ऐसे देश का वैश्विक शांति और सुरक्षा के सर्वोच्च मंच का अध्यक्ष बनना, जो स्वयं आतंकवाद के आरोपों से घिरा हो, एक बड़ा विरोधाभास प्रतीत होता है। आइए, आज आपके इन्हीं सवालों के जवाब देते हैं और इस जटिल मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।

UNSC अध्यक्षता की प्रक्रिया और अवधि
UNSC की अध्यक्षता हर महीने बदलती है, और यह पद बारी-बारी से सभी सदस्य देशों को मिलता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों के बीच अध्यक्षता का पद वर्णानुक्रम (अंग्रेजी नाम के अनुसार) में घूमता है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान सिर्फ एक महीने के लिए इस प्रतिष्ठित कुर्सी पर रहेगा। यह एक अस्थायी पद है। यह भी जानना जरूरी है कि अध्यक्ष का चुनाव सीधे तौर पर नहीं होता, बल्कि यह एक निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है। इस प्रक्रिया के तहत, हर सदस्य देश को अपनी बारी आने पर अध्यक्षता करने का मौका मिलता है, भले ही उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि कैसी भी हो।
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अध्यक्ष के अधिकार और जिम्मेदारियां
भले ही अध्यक्ष पद की अवधि कम हो, लेकिन इसके पास कुछ महत्वपूर्ण अधिकार और जिम्मेदारियां होती हैं:
1. बैठकों का संचालन: अध्यक्ष परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है और एजेंडा निर्धारित करता है।
2. बहस का प्रबंधन: वह सदस्य देशों को बोलने का मौका देता है और बहस को नियंत्रित करता है।
3. संकल्पों पर मतदान: अध्यक्ष यह सुनिश्चित करता है कि संकल्पों पर निष्पक्ष रूप से मतदान हो।
4. प्रक्रियात्मक निर्णय: कुछ प्रक्रियात्मक मामलों पर अध्यक्ष के पास निर्णायक शक्ति होती है।
5. प्रतिनिधित्व: वह कुछ विशेष आयोजनों और बैठकों में UNSC का प्रतिनिधित्व भी कर सकता है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अध्यक्ष के पास "वीटो" शक्ति नहीं होती है। वीटो शक्ति केवल UNSC के पांच स्थायी सदस्यों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन) के पास है। अध्यक्ष की भूमिका मुख्य रूप से प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक होती है, न कि नीतिगत।

पाकिस्तान के UNSC अध्यक्ष बनने पर भारत की चिंताएं
भारत ने हमेशा पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन के ट्रैक रिकॉर्ड पर चिंता व्यक्त की है। पाकिस्तान की अध्यक्षता को लेकर भारत की चिंताएं स्वाभाविक हैं, क्योंकि यह मंच आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान अपनी अध्यक्षता के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर किस तरह का रुख अपनाता है। क्या वह अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने का प्रयास करेगा या फिर यथास्थिति बनाए रखेगा?

कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों को उठाएगा पाकिस्तान
जुलाई में UNSC  के अध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान की ओर से  दो ओपन मीटिंग्स की उम्मीद की जा रही है। इन बैठकों के दौरान पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले के बाद किए गए ऑपरेशन सिंदूर और कश्मीर के मुद्दे को उठाएगा। बता दें कि 02 जुलाई, 2025 को हुई मीटिंग में को उसने कश्मीर मुद्दे को उठाया।

कैसे मिलती है UNSC की अध्यक्षता?
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