इसमें कहा गया है कि मौजूदा इन्फ्लूएंजा और सर्दी के मौसम के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसके कारण श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि हो रही है। भारत सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और संकेत दिया है कि किसी भी तरह की चेतावनी की जरूरत नहीं है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों जैसे कि बिस्तरों की उपलब्धता, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाओं और टीकों, चिकित्सा ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, परीक्षण किट, ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर की कार्यक्षमता आदि की समीक्षा करने की सलाह दी है।
पत्र के अनुसार, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) की जिला और राज्य निगरानी इकाइयों द्वारा विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी (एसएआरआई) के रुझान पर बारीकी से नजर रखी जाये।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा हाल में साझा की गई जानकारी में चीन के उत्तरी हिस्सों में सांस की बीमारी में वृद्धि का संकेत दिया गया है। यह मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और सार्स-सीओवी-2 जैसे रोगों के लिए जिम्मेदार है।