सूत्रों के अनुसार, हाट स्प्रिंग्स में, इनकी संख्या 100 से 200 के बीच है। पर इतना जरूर था कि गलवान में हुई झड़प के बाद जुलाई 2020 में जब दोनों पक्षों में बातचीत हुई तो हाटस्प्रिंग्स, जिसे पैट्रोल प्वाइंट 15 भी कहा जाता है, दोनों पक्षों ने अपने 2 से 3 हजार सैनिकों को पीछे हटा लिया था। पर भारतीय पक्ष गश्त आरंभ नहीं कर पाया।
सिर्फ हाट स्प्रिंग्स अर्थात पीपी 15 ही नहीं बल्कि अन्य कई ऐसे इलाके भी हैं जहां फिलहाल भारतीय पक्ष तीन सालों से गश्त नहीं कर पा रहा है। इसके पीछे का कारण पहले चीनी सेना की आपत्ति थी फिर दोनों पक्षों में होने वाली सहमति थी जिसके तहत उन इलाकों को बफर जोन्स बना दिया गया था जहां से दोनों पक्ष सैनिक हटाने को राजी हुए और बाद में वे मई 2020 के स्थानों पर लौट गए थे। इनमें गलवान वैली, गोगरा हाइट्स, पैंगांग झील का उत्तरी तट तथा कैलाश रेंज भी शामिल हैं।