Vice Presidential election in India : उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत की राजनीति में हलचल मची हुई है। जो विपक्ष धनखड़ पर भेदभाव के आरोप लगाकर उन पर निशाना साध रहा था, अब उनके प्रति सहानुभूति प्रदर्शित कर रहा था, वहीं सत्तापक्ष इस मामले में पूरी तरह सुरक्षित मुद्रा में नजर आ रहा है। क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि धनखड़ ने दबाव में आकर इस्तीफा दिया है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया है। हालांकि यह भी खबरें हैं कि उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भाजपा से ही होगा।
बिहार का दावा सबसे मजबूत : हालांकि अब नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही सत्ता पक्ष की ओर से कई नाम भी सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा नाम इस पद के लिए बिहार से सामने आ रहे हैं। इनमें सबसे ऊपर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम है। आरिफ उदारवादी मुस्लिम चेहरा हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के भी समर्थक रहे हैं। अनुच्छेद 370 और तीन तलाक का उन्होंने समर्थन किया था। मुस्लिम चेहरे को उपराष्ट्रपति बनाकर भाजपा बिहार के मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश कर सकती है। संभव है उसे बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ फायदा भी मिल जाए।
बिहार से ही हरिवंश नारायण सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम इस पद के लिए चल रहा है, लेकिन सबसे तेजी से एक और नाम उभरा है, वह है रामनाथ ठाकुर का। रामनाथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मरणोपरांत 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था। हो सकता है कि सत्तारूढ़ दल रामनाथ ठाकुर में भी कुछ चुनावी गणित ढूंढ रहा हो। हरिवंश को उनके अनुभव का लाभ मिल सकता है, लंबे समय से वे राज्यसभा में उपसभापति की भूमिका निभा रहे हैं। मोदी-शाह को भी उनके नाम पर आपत्ति नहीं होगी। क्योंकि नीतीश के लालू के साथ जाने के बाद उनकी उपसभापति की कुर्सी बरकरार रही थी।
नीतीश की हां का इंतजार, और... : उपराष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार का नाम भी चल रहा है। हालांकि वे मानेंगे नहीं, लेकिन मान जाते हैं तो भाजपा एक तीर से दो निशाने साध सकती है। इससे बिहार के लोग भी खुश हो जाएंगे साथ ही चुनाव के बाद भाजपा अपने किसी नेता को राज्य का मुख्यमंत्री भी बना पाएगी। बिहार विधानसभा में भी नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने की बात उठी थी। लेकिन, नीतीश की चिंता बेटे निशांत को लेकर है। वे बेटे को सैटल करना है। ऐसे में वे इस बार चुनावी मैदान छोड़ने के मूड में नहीं है।
सीपी चंद्रशेखर क्यों? : महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी चंद्रशेखर का नाम भी उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं। तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चंद्रशेखर यदि उपराष्ट्रपति बनते हैं तो भाजपा को चुनावी राज्य में इसका लाभ मिल सकता है। हालांकि लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां से एक सीट भी नहीं मिली थी। पार्टी के दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए थे। तमिलनाडु से होने के कारण वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का भी नाम इस पद के लिए चल रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री बंडारू दत्तत्रेय का नाम तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उछाला है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के किसी व्यक्ति को उपराष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता बंडारू इस समय हरियाणा के राज्यपाल हैं। यह सूची यहीं पूरी नहीं होती। इनके अलावा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, भारत के पूर्व सीजेआई डीवाय चंद्रचूड़, बंडारू दत्तत्रेय, शशि थरूर, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत समेत कई अन्य नाम भी चर्चा में हैं। वहीं, विपक्ष पूरी तरह शांत है। उसकी तरफ से इस पद के लिए किसी भी उम्मीदवार की चर्चा नहीं है। हालांकि उम्मीदवार कोई भी बने, लेकिन आंकड़े एनडीए के पक्ष में ही पूरी तरह दिखाई दे रहे हैं।