सोनिया ने नहीं दी जानकारी, सीआईसी ने भेजा नोटिस

रविवार, 8 मई 2016 (15:23 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने अपने आदेशों के बावजूद एक आरटीआई अर्जी में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नहीं देने के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आयोग की पूर्ण पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए नया नोटिस जारी किया है।
 
सूचना आयुक्त बिमल जुल्का, श्रीधर आचार्युलू और सुधीर भार्गव की आयोग की पूर्ण पीठ आरटीआई कार्यकर्ता आरके जैन की शिकायत पर सुनवाई करेगी।
 
दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद नया नोटिस जारी किया गया जिसने अगस्त 2014 को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल शिकायत पर तेजी से और 6 महीने की अवधि में विचार किया जाए। इसके बाद जैन ने रजिस्ट्रार के खिलाफ आयोग में शिकायत की।
 
जैन ने आरोप लगाया था कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद रजिस्ट्रार एमके शर्मा ने आयोग के द्वारा कोई तारीख तय नहीं की।
 
जैन ने अवमानना याचिका दाखिल करने की चेतावनी देते हुए आरोप लगाया था कि रजिस्ट्रार जान-बूझकर, दुर्भावना से और दुराग्रहपूर्वक दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों और निर्देशों की अवज्ञा कर रहे हैं और 4 सप्ताह के नोटिस के बावजूद सुनवाई के लिए कथित मामले को प्रभावित कर रहे हैं।
 
जैन ने फरवरी 2014 में कांग्रेस में आरटीआई अर्जी दाखिल की थी लेकिन इसका जवाब नहीं आने पर उन्होंने इस संबंध में बाद में सीआईसी में शिकायत की।
 
जैन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि यह आयोग की पूर्ण पीठ के आदेश का उल्लंघन है जिसने कांग्रेस के साथ 5 अन्य राष्ट्रीय दलों- भाजपा, भाकपा, माकपा, राकांपा और बसपा को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित कर उन्हें आरटीआई कानून के तहत जवाबदेह बनाया था।
 
सूचना देने से मना करना या पूरी जानकारी नहीं देना आरटीआई कानून के तहत अपराध माना जाएगा जिसमें सार्वजनिक प्राधिकार के जनसूचना अधिकारी पर उस दिन से 250 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना लगाने का प्रावधान है जिस दिन सूचना दी जानी थी। यह जुर्माना अंतत: सूचना दिए जाने की तारीख तक लगने का प्रावधान है। (भाषा) 
 

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