जैन ने अवमानना याचिका दाखिल करने की चेतावनी देते हुए आरोप लगाया था कि रजिस्ट्रार जान-बूझकर, दुर्भावना से और दुराग्रहपूर्वक दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों और निर्देशों की अवज्ञा कर रहे हैं और 4 सप्ताह के नोटिस के बावजूद सुनवाई के लिए कथित मामले को प्रभावित कर रहे हैं।
जैन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि यह आयोग की पूर्ण पीठ के आदेश का उल्लंघन है जिसने कांग्रेस के साथ 5 अन्य राष्ट्रीय दलों- भाजपा, भाकपा, माकपा, राकांपा और बसपा को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित कर उन्हें आरटीआई कानून के तहत जवाबदेह बनाया था।