नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर (CJI office) एक पब्लिक अथॉरिटी है जो कि पारदर्शिता कानून और सूचना का अधिकार कानून (RTI) के दायरे में आता है। हालांकि इस दौरान दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
इस संविधान पीठ में जस्टिस रंजन गोगोई के साथ जस्टिस एनवी रमन्ना, डीवाई चंद्रचूड़, दीपक गुप्ता एवं संजीव खन्ना भी शामिल हैं। पीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि कोई भी अपारदर्शी प्रणाली नहीं चाहता है, लेकिन पारदर्शिता के नाम पर न्यायपालिका को नष्ट नहीं कर सकते हैं।