राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कथित अनियमितताओं के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्ला खान और 10 अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोप तय करते हुए कहा कि उनके खिलाफ साजिश का प्रबल संदेह और प्रथम दृष्टया सबूत हैं। विशेष न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने खान और दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी महबूब आलम के खिलाफ लोक सेवक के तौर आपराधिक षड्यंत्र और आपराधिक कदाचार के आरोप तय किए।
न्यायाधीश ने नौ अन्य आरोपियों हामिद अख्तर, किफायतुल्लाह खान, रफीउद्दीन खान, इमरान अली, मोहम्मद अहरार, अकीब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान और अब्दुल मन्नार के खिलाफ लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार के साथ आपराधिक षड्यंत्र के आरोप तय किए।
खान पर आपराधिक षड्यंत्र रचकर दिल्ली वक्फ बोर्ड में विभिन्न संविदा या दैनिक वेतनभोगी पदों पर अपने रिश्तेदारों और अन्य जानकारों को नियुक्त कराने का भी आरोप है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये नियुक्तियां खान और आलम ने अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करके कीं। अदालत ने अपने 46 पन्ने के आदेश में कहा, जहां मजबूत संदेह है, वहां इस स्तर पर यह इंगित करना पर्याप्त है कि इस साजिश में सभी पक्ष शामिल है।
अदालत ने कहा कि इन आरोपियों के कृत्यों और चूक से स्पष्ट रूप से इंगित होता है कि उनके बीच अवैध नियुक्तियों (आलम और 10 अन्य की) को सुविधाजनक बनाने के लिए, चाहे वह स्पष्ट हो या निहित, आपसी समझ थी। इस प्रकार मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप तय करने का आधार है।
अदालत ने कानूनों का हवाला देते हुए कहा कि तदनुसार, सभी 11 आरोपियों के खिलाफ गहरा संदेह उत्पन्न होता है, तथा तथ्यों से प्रथम दृष्टया उन सभी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री का पता चलता है। भाषा Edited by : Sudhir Sharma