कृषि बिलः क्यों नहीं कराया मत विभाजन? राज्यसभा के उपसभापति ने बताया यह कारण

सोमवार, 28 सितम्बर 2020 (08:42 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रविवार को अपना रुख दोहराया कि 20 सितंबर को कृषि विधेयकों को प्रक्रिया के अनुसार पारित कराया गया था और विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग को नहीं माना गया, क्योंकि सदन में हंगामा होने के कारण व्यवस्था नहीं थी।
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इस बारे में आई एक मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए उपसभापति ने कहा कि नियमों और चलन के अनुसार मत विभाजन के लिए 2 चीजें आवश्यक हैं- पहला कि मत विभाजन की मांग की जानी चाहिए और इतना ही महत्वपूर्ण यह भी है कि सदन व्यवस्थित तरीके से चल रहा हो। राज्यसभा में 20 सितंबर को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच 3 कृषि विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था।
 
अपनी स्थिति को और अधिक स्पष्ट करते हुए हरिवंश ने एक बयान में कहा कि अध्यादेश को अस्वीकार करने वाले प्रस्ताव और विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग वाले केके रागेश के संशोधन को 1 बजकर 7 मिनट पर सदन ने ध्वनिमत से नकार दिया और कई सदस्य आसन के पास आ गए थे और उस समय वे अपनी सीटों पर नहीं थे।
 
हरिवंश ने कहा कि एक वीडियो में देखा जा सकता है कि उन्हें अपना प्रस्ताव और संशोधन को पेश करने के लिए कहे जाने के बाद कि मैंने गैलरी की तरफ देखा लेकिन वे वहां नहीं थे। उन्होंने बयान में 20 सितंबर की घटना के संबंध में विस्तृत घटनक्रम भी दिया है। (भाषा)

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