Chief Minister Himanta Biswa Sarma News: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में लगभग चीखते हुए कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, राज्य में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। दूसरी ओर, राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में विपक्षी दलों कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने सोमवार को असम विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया।
जब तक मैं जिंदा हूं... : सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा कि कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूंगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है, उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे। मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देता हूं, मैं इस दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा।
मुस्लिम पंजीकरण कानून 1935 खत्म : असम सरकार ने बाल विवाह पर रोक के लिए मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून, 1935 को समाप्त कर दिया है। खत्म कर दिया है। अब लड़कियों की शादी 18 साल और लड़कों की शादी 21 वर्ष से पहले नहीं हो सकेगी। असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून को सरकार ने वापस ले लिया है। इसे असम में बाल विवाह रोकने की दिशा में अहम कदम है। हिन्दू समुदाय में पहले से ही लड़की की शादी की उम्र 18 और लड़के की शादी उम्र 21 साल है।
रजिस्टार्स को मिलेगा मुआवजा : असम सरकार का कहना है कि मुस्लिम विवाह का पंजीयन करने वाले रजिस्ट्रार्स को हटाया जाएगा। इन्हें मुआवेज के रूप में दो-दो लाख रुपए एक मुश्त प्रदान किए जाएंगे। सरकार का इस कानून को खत्म करने के पीछे तर्क है कि यह कानून अंग्रेजी शासनकाल के समय का है। मुस्लिम कानून के मुताबिक इस्लाम धर्म में 18 से कम उम्र की लड़कियों की शादी भी जायज है।
कांग्रेस ने किया बहिर्गमन : असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में विपक्षी दलों कांग्रेस और एआईयूडीएफ (सर्व भारतीय संयुक्त गणतांत्रिक मोर्चा) ने सोमवार को असम विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया।