गुप्ता ने समाचार एजेंसी भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि नीति पारदर्शी होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इस नीति से समाज में कोई समस्या पैदा न हो। यह सरकार के लिए राजस्व अर्जित करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में आबकारी नीतियां ठीक चल रही हैं। हम अलग-अलग राज्यों की इन बेहतरीन आबकारी नीतियों का पालन करेंगे।
आप ने नवंबर 2021 में पुरानी आबकारी नीति को बदलकर नयी नीति (2021-22) लागू की, जिसका उद्देश्य दिल्ली में शराब कारोबार में सुधार लाना था। हालांकि, यह नीति अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों का शिकार हो गई।
जुलाई 2022 में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके तुरंत बाद आप सरकार ने इसे रद्द कर दिया। उस नीति के तहत, निजी कंपनियों को शराब की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति दी गई थी। शराब की दुकानें निजी कंपनियों को सौंप दी गईं और सरकार ने यह कारोबार छोड़ दिया। आखिरकार, 31 अगस्त, 2022 को नीति रद्द कर दी गई और निजी शराब की दुकानें बंद हो गईं।