पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणा ने नवंबर 2008 के हमलों से पहले अपनी कंपनी के माध्यम से हेडली को मुंबई में एक टोही मिशन पर भेजा था और उसे दस साल का वीजा विस्तार दिलाने में मदद की थी। भारत में रहने के दौरान हेडली ने आव्रजन से जुड़ा कारोबार संचालित करने का दिखावा किया और वह राणा के साथ नियमित संपर्क में था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दौरान दोनों के बीच 230 से अधिक बार फोन पर बात हुई।
तहव्वुर राणा को भारत लाने में 4 करोड़ खर्च : तहव्वुर राणा को विशेष विमान से 40 घंटे की उड़ान के बाद भारत लाया गया। अमेरिका के मियामी से भारत लाने के लिए एक लग्जरी चार्टर प्लेन Gulf Stream G-550 का इस्तेमाल किया गया, जिसकी प्रति घंटे की लागत करीब 9 लाख रुपए हैं। राणा को भारत लाने में सरकार के 4 करोड़ रुपए खर्च हुए।
क्या कहती है मुंबई पुलिस की चार्जशीट : NIA के आरोपपत्र के अनुसार, राणा इस दौरान हमलों के एक अन्य सह-साजिशकर्ता मेजर इकबाल के भी संपर्क में था। राणा आतंकी हमले से कुछ दिन पहले नवंबर 2008 में भारत आया था।
मुंबई पुलिस की ओर से 26/11 हमले के मामले में 2023 में राणा के खिलाफ दायर आरोपपत्र के अनुसार, वह पवई के एक होटल में रहा था और उसने एक व्यक्ति के साथ दक्षिण मुंबई में भीड़-भाड़ वाली जगहों के बारे में चर्चा की थी। इस व्यक्ति को मामले में गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
इसके बाद, इनमें से कुछ स्थानों पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था जिसमें 166 लोगों की जान चली गई। आतंकवादियों ने मुंबई में ताज महल होटल और ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन को निशाना बनाया था। हेडली इन सभी स्थानों पर गया था।