योगी ने बुधवार को यहां रामजन्मभूमि जाकर रामलला के दर्शन किए और प्रदेश की सुख-समृद्धि का वरदान मांगा। उन्होंने कहा कि जहां पर रामलला विराजमान हैं वही उनकी जन्मभूमि है। सरकार अयोध्या के विकास के निरंतर काम कर रही है। श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में किया जायेगा। यह एक संवैधानिक मामला है। न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते यह मेरा कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि सूबे के सभी स्थलों का विकास हो। इसके लिए मैं संकल्पित भी हूं। सरकार अयोध्या के विकास को लेकर संकल्पित है। इससे न केवल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार भी मिलेगा। दीपावली पर्व अयोध्या की देन है। पूरा देश मर्यादा पुरुषोत्तम राम की वजह से यह त्योहार मनाता है।
उन्होंने दीपावली के दिन की शुरुआत हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना से की और राम जन्मभूमि विवादित परिसर में रामलला का दर्शन करने के लिए पहुंचे। मंदिर दर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहां प्रदेश की सुख, समृद्धि और सुरक्षा की कामना के लिए आया हूं।
मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना, दर्शन के बाद कनक भवन, सुग्रीव किला और रामकथा पार्क के पीछे श्रीराम की 151 मीटर ऊंची लगने वाली मूर्ति के लिए स्थल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने दिगम्बर अखाड़ा(परमहंस आश्रम) के सन्त सुरेशदास महाराज से भी मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि अयोध्या के महत्व को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर ले जाने के लिए यह आयोजन किया गया है। विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अयोध्या की एक स्वस्थ छवि प्रस्तुत हो जिससे यहां पर पर्यटक आ सकें। यहां पर नौजवानों को रोजगार के अवसर प्रदान हों। अयोध्या का समग्र विकास हो इसलिए यह पूरा आयोजन किया गया है। यह आयोजन अपनी परंपरा और अपनी संस्कृति को सहेजने का एक प्रयास है। इसमें निरंतरता आनी चाहिए जिससे अयोध्या का विकास हो। (वार्ता)