कोचिंग क्लासेस आज की शिक्षा की जरूरत बन चुकी हैं। स्कूल के अलावा बच्चों को कोचिंग क्लास पर भेजना या ट्यूटर को घर बुलाकर पढ़ाई करवाना लगभग हर घर में होता है। इसी के चलते, कोचिंग क्लासेस बच्चों के अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलती हैं। इससे भी बढ़कर कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट्स अभिभावकों और बच्चों को धोखा देने से भी बाज नहीं आते।
मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक मुंबई की एक लड़की ने दिखा दिया है कि कोचिंग क्लासेस के धोखे हर बार नजरअंदाज नहीं किए जाएंगे। इस लड़की ने एक कोचिंग क्लास पर उपभोक्ता अदालत मेंकेस दर्जकिया और सेटलमेंट के तौर पर 3 लाख रूपए भी प्राप्त किए। जिसमें 54,000 का फुल रिफंड और 10,000 का केस का खर्च शामिल है।
कोचिंग क्लास ऑक्सफोर्ड ट्यूटर्स अकेडमी लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स, अंधेरी में स्थित है। यह कोचिंग एसएससी, एचएससी, सीबीएसई और आईसीएसई के स्टूडेंट्स को घर पढ़ाने की सुविधा देती है।
अभिव्यक्ति वर्मा, एक सांइस स्टूडेंट, ने गणित और केमेस्ट्री के टीचर के लिए 2013 में कोचिंग को एक ट्यूटर की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी। यह गणित अध्यापक हिंदी माध्यम से पढ़ा हुआ था और अभिव्यक्ति को पढाने में असफल रहा।
अभिव्यक्ति की मम्मी नीना की लगातार विनतियों के बाद, कोचिंग ने केमेस्ट्री के लिए एक ट्यूटर भेजा को कक्षा आठ को पढ़ाता था। नीना ने फिर से कोचिंग पर बात की और इस बार कोचिंग ने एक आईआईटी स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए भेजा।
आखिर में कोचिंग की लापरवाही के चलते अभिव्यक्ति केवल एचएससी में अभिव्यक्ति केवल 60 प्रतिशत नंबर ही ला सकी, बावजूद इसके कि एसएससी में उसका प्रतिशत 83 था। एचएससी में कम स्कोर के चलते वह हैदराबाद के अपने मनपसंद कॉलेज में दाखिला नहीं ले सकी।
अभिव्यक्ति कहती है, "केमेस्ट्री टीचर चीजों को पढ़ा नहीं पा रहे थे। मेरी केमेस्ट्री कमजोर थी और इसी वजह से मैंने कोचिंग में दाखिला लिया। मैं बहुत परेशान रहती थी। यहां तक कि डिप्रेशन में भी चली गई। मेरे पापा ने मुझे केमेस्ट्री में मदद की। कोचिंग सेंटर मैंने कम नंबर के लिए जिम्मेदार है।"
अभिव्यक्ति की मम्मी भी कोचिंग क्लास के व्यवहार से व्यथित थीं। उनके अनुसार कोचिंग क्लास ने लेक्चर, रिविजन और पेपर सोल्विंग जैसे किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। इसके बाद उन्होंने कोचिंग क्लास के खिलाफ एक केस दायर किया।
कोचिंग क्लास की काउंसलर दीक्षा वर्मा के अनुसार उनके पास क्वालिफाइड टीचर्स हैं। स्टूडेंट पढ़ाई में कमजोर थी। उसने कोचिंग देर से शुरू की और अन्य कोचिंग क्लासेस से भी पढ़ती रही। उसके घर भेजे गए सारे ट्यूटर उसके होमवर्क न करने की शिकायत करते रहे।