पंजाब में कांग्रेस का संकट गहराया, अमरिंदर-शाह की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर जारी
गुरुवार, 30 सितम्बर 2021 (00:47 IST)
चंडीगढ़/नई दिल्ली। कांग्रेस में खुद को 'अपमानित' महसूस किए जाने का दावा करके हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात के साथ ही सिंह की योजनाओं को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद गहराते संकट से निपटने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद जारी रही। कांग्रेस के भीतर भी सिद्धू को पार्टी से बाहर निकालने की आवाजें उठने लगी हैं।
मुलाकात पर कांग्रेस का निशाना : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पंजाब में दलित समुदाय के एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाना कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है और शाह का निवास दलित विरोधी राजनीति का केंद्र बन गया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने #NoFarmersNoFood के साथ ट्वीट कर कहा कि सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है, क्योंकि एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया तो वो पूछते हैं कि कांग्रेस में फ़ैसले कौन ले रहा है? दलित को सर्वोच्च पद दिया जाना उन्हें रास नहीं आ रहा। दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह का निवास बना हुआ है।
सिद्धू को लेकर सख्त आलाकमान : खबरों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू इस्तीफा वापस लेने के लिए कुछ शर्तों की बात कर रहे हैं, तो कांग्रेस आलाकमान भी सख्त रुख अपनाने के मूड में दिख रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से जुड़े घटनाक्रम को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। हालांकि अभी सिद्धू के त्यागपत्र पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
दूसरी तरफ, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार किया और सिर्फ यह कहा कि इस मामले पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत जवाब देंगे। पंजाब में प्रदेश स्तर के नेताओं द्वारा सिद्धू को मनाने के प्रयास उस समय कामयाब होते नहीं दिखे, जब सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि वे अपने सिद्धांतों से समझौता करने वाले नहीं हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और दागी नेताओं की नियुक्तियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वे किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं लेकिन अपने सिद्धांतों पर हमेशा डटे रहेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू से बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत की और मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की। सिद्धू को मनाने के लिए मंत्रियों परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा सहित कई नेताओं ने पटियाला में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की। चन्नी ने सिद्धू से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने का आग्रह किया। चन्नी ने यह भी कहा कि पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा का अनुसरण करती है। सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर चार मिनट का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा …।
चुनाव करवाएं जाएं : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए। उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं। सिब्बल ने जोर देकर कहा, हम जी हुजूर 23 नहीं हैं। हम अपनी बात रखते रहेंगे।
किसानों के मुद्दे पर मुलाकात : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद राजनीति में सिंह के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देकर पिछले 10 महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे का समाधान किया जाए। वैसे, यह बैठक इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सिंह ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन दावा किया था कि उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है और वे अंत तक लड़ेंगे।
सिब्बल पर निशाना : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कापिल सिब्बल की ओर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन एवं भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने सिब्बल पर निशाना साधा और कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया, उसे नीचा नहीं दिखाना चाहिए। माकन ने आरोप लगाया कि सिब्बल जैसे नेता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का हौसला पस्त कर रहे हैं जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े हैं।