पार्टी ने गैरसरकारी संगठनों की 'सोशल ऑडिट रिपोर्ट' जारी करते हुए कहा कि राज्य के कुल 15 बालगृहों-बालिकागृहों में बच्चे-बच्चियों के साथ यौन दुव्यर्वहार हुआ है, लेकिन सिर्फ मुजफ्फरपुर के बालिकागृह के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार कभी 'सुशासन बाबू' के नाम से जाने जाते थे और अब उनकी सरकार के 'कुशासन' का यह रूप सामने आया है। हम चाहते हैं कि अन्य 14 बालगृहों-बालिकागृहों के मामलों में भी प्राथमिकी दर्ज हो और सभी की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच हो।
मुजफ्फरपुर का मामला संसद में उठने और विभिन्न संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। गोहिल ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामले में बिहार की समाज कल्याण मंत्री के पति की भूमिका भी संदेह के घेरे में है और ऐसे में जांच पूरी होने तक मंत्री को पद से हटाया जाना चाहिए।
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना के सामने आने के बाद बच्चियों को राज्य में दूसरे स्थानों पर भेजा गया। हमारी मांग है कि बच्चियों की सुरक्षा को देखते हुए उनको राज्य के बाहर भेजा जाए। उन्होंने दावा किया कि इस पूरे मामले में कई सफेदपोश लोग शामिल हैं और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पक्ष में भाजपा के लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं। (भाषा)