Congress accuses EC on Voter's Day: कांग्रेस (Congress) ने शनिवार को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के साथ पिछले 1 दशक में छेड़छाड़ किए जाने का दावा दिया और कहा कि आज जिस तरह से आयोग काम कर रहा है, वह संविधान का मजाक एवं मतदाताओं का अपमान है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि आयोग की संस्थागत ईमानदारी का लगातार क्षरण गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के हाल के विधानसभा चुनावों को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं पर आयोग का रुख आश्चर्यजनक रूप से पक्षपात से भरा रहा है। खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि भले ही हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाते हैं, लेकिन पिछले 10 वर्षों में भारत के निर्वाचन आयोग की संस्थागत ईमानदारी का लगातार होता क्षरण गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।ALSO READ: कांग्रेस का दावा, पीएम मोदी ने मणिपुर को अमित शाह को आउटसोर्स किया
उन्होंने कहा कि हमारा निर्वाचन आयोग और हमारा संसदीय लोकतंत्र, व्यापक संदेह के बावजूद दशकों से निष्पक्ष, स्वतंत्र और विश्वस्तर पर अनुकरण के लिए आदर्श बन गया। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की प्राप्ति तथा पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय हमारे नीति निर्माताओं के दृष्टिकोण का प्रतीक है।
खरगे के अनुसार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कायम रखने में लापरवाही अनजाने में सत्तावाद का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारे लोकतंत्र को बचाए रखने और इसे रेखांकित करने वाले संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए हमारी संस्थाओं की स्वतंत्रता की रक्षा करना आवश्यक है।ALSO READ: FIITJEE सेंटर बंद होने से छात्रों में हड़कंप, नोएडा में मालिक समेत 12 पर FIR
कांग्रेस महासचिव रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया : कांग्रेस महासचिव रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि आज के दिन को 2011 से 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 75 साल पहले आज ही दिन 25 जनवरी, 1950 को निर्वाचन आयोग अस्तित्व में आया था। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसके पहले अध्यक्ष प्रख्यात सुकुमार सेन थे जिन्होंने हमारे चुनावी लोकतंत्र की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे 8 वर्षों तक एकमात्र मुख्य चुनाव आयुक्त रहे। उनकी 'भारत में प्रथम आम चुनाव 1951-52 पर रिपोर्ट' बेहद उत्कृष्ट है। लेकिन पहले चुनाव के लिए मतदाता सूची के मसौदे की तैयारी सेन के कार्यभार संभालने से पहले ही पूरी हो चुकी थी।
आज के दिन को वर्ष 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 75 साल पहले आज ही दिन 25 जनवरी, 1950 को चुनाव आयोग अस्तित्व में आया था।
चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसके पहले अध्यक्ष प्रख्यात सुकुमार सेन थे जिन्होंने हमारे चुनावी लोकतंत्र की नींव रखने में… pic.twitter.com/89Aov5zF6M
रमेश ने कहा कि इस ऐतिहासिक प्रयास और इसमें शामिल लोगों की कहानी का वर्णन ऑर्निट शानी ने अपनी पुस्तक 'हाऊ इंडिया बिकम डेमोक्रेटिक' में बहुत ही बारीकी से किया है। ऐसे ही कई अन्य प्रतिष्ठित मुख्य चुनाव आयुक्त रहे हैं जिनमें टीएन शेषन का सबसे विशेष स्थान है, उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है।
उन्होंने दावा किया कि अफसोस की बात है कि पिछले 1 दशक में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की जोड़ी ने निर्वाचन आयोग के पेशेवर रवैए और स्वतंत्रता के साथ गंभीर रूप से छेड़छाड़ किया है। इसके कुछ फैसलों को अब उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के हाल के विधानसभा चुनावों को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं पर इसका रुख आश्चर्यजनक रूप से पक्षपात से भरा रहा है।
रमेश ने यह दावा भी किया कि आज खुद को खूब बधाइयां दी जाएंगी, लेकिन इससे यह तथ्य सामने नहीं आएगा कि आज जिस तरह से निर्वाचन आयोग काम कर रहा है, वह संविधान का मजाक और मतदाताओं का अपमान है।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)